हिन्दू आबादी(2011)- 32%
मुस्लिम आबादी(2011)- 68%
हिन्दू आबादी(2016)- 8%
मुस्लिम आबादी(2016)- 92%
अचानक हिन्दू आबादी कैसे इतनी कम हो गयी?
एक आंकड़े के अनुसार कैराना में पिछले कुछ समय में 300 से जादा हिन्दू परिवारों के लगभग 1200 लोगों का पलायन हो चुका है ,
जिसमें व्यापारी से लेकर मज़दूर वर्ग तक के हिन्दू परिवार शामिल हैं।
जो एकचौथाई कीमत पर भी घर जमीन दुकान बेचकर वहाँ से भाग रहे हैं।
क्योंकी वहाँ अगर
हिन्दू को व्यापार करना है तो फिरौती देनी पड़ेगी,
दुकान चलानी है तो उधारी देनी पड़ेगी जो वापस नहीं मिलेगी,
हिन्दू मज़दूर को मज़दूरी नहीं मिलेगी और जबरन काम करना पड़ेगा।
हिन्दूओं से कैराना में सम्प्रदाय विशेष के लोग गुलाम की तरह बर्ताव करते हैं। अगर किसी ने विरोध की आवाज उठाई तो उसकी आवाज हमेशा के लिए शांत कर दी गयी। कुछ महीनों में ही वहाँ दर्जनों हिंदुओं की हत्यायें हो चुकी हैं। हिन्दू परिवार डर के माहौल में जीने को मज़बूर हैं।
कैराना अकेला उदाहरण नहीं है। स्थिति देश के हर उस जिले की है जहाँ हिन्दू अल्पसंख्यक होता जा रहा है।
हिंदुओं की इससे भी बदतर स्थिति देश के इन हिस्सों में है जैसे-
इस्लामिक आतंक के लिए बदनाम कश्मीर घाटी,
सीमावर्ती पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद मालदा जैसे दर्ज़नो जिले,
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बहुल दर्जनों जिले,
हरियाणा के नूँह मेवात,
राजस्थान का अजमेर से जैसलमेर तक का हिस्सा,
केरल आसाम के मुस्लिम बहुल इलाके ....
ये सब देश के अंदर बसे हुए मिनी पाकिस्तान हैं जहाँ हिन्दू के मानवाधिकार नहीं हैं वो दोयम दर्जे के नागरिक हैं।
क्या 47 में मुस्लिम लीग को अलग देश देने के बावज़ूद फिर से ये परिस्थिति होनी चाहिए?
क्या सच में हिन्दू भारत का नागरिक है?
क्या हम अपने देश का इस्लामीकरण होते हुए देखते रहें?
इस समय देश में 1-6 वर्ष के उम्र के बच्चों में 52% संख्या मुस्लिम समुदाय के बच्चों की है जो की आने वाले दो दशकों में वयस्क हो जायेगी। तब हमारे बच्चे किस भयावह परिस्थिति का सामना कर रहे होंगें इसकी कल्पना करना भी कठिन है।
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