ॐ भूर्भुवः॒ स्वः । तत्स॑वि॒तुर्वरे॑ण्यं॒ भर्गो॑ दे॒वस्य॑ धीमहि । धियो॒ यो नः॑ प्रचो॒दया॑त् ॥

O God, Thou art the giver of life, the remover of pain and sorrow, the best owner of happiness; O Creator of the Universe, may we receive Thy supreme sin-destroying light; may Thou guide our intellect in the right direction.
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भारत पाकिस्तान बंगलादेश के मुसलमानो से प्रश्न। Why indian muslim can't speak Arabic language ?

भारत पाकिस्तान बंगलादेश के मुसलमानो से प्रश्न।
अगर आप सच्चे हो तो ये बताओ की , आप हिंदी या इंग्लिश में क्यों टाइप करते हो , या अपनी पूरी वेबसाइट हिंदी या इंग्लिश में टाइप करके डाले हो ,
कुछ ऐसे सवाल है जो हमेसा हिन्दुस्तानियो को सोचने पर मजबूर करते है

१) आपकी मात्र भासा क्या है ??


२)घर पै किस भासा में बात करते हो और समाज में कौन सी भासा में बात करते हो ,


३)आपका नाम सिर्फ अरेबिक में रखते हो पर अरेबिक बोलते नही ? क्यों


४)भारत का मुस्लमान अरेबिक क्यों नही बोलता ?


५)अल्लाह ने अगर अरेबकी तुम्हे दी है तो ओ आपके बोलचाल की भासा क्यों नही भारत की , क्या यहाँ बोलने वाला मुस्लमान    अरब का नही है क्या ?या फिर उसने अल्लाह की बनाई भासा से प्रेम नही है , 


६) देवनागरी लिपि में घर में और रिलेटिव में बोलना  मतलब आप ने पहले से ही आप सनातन धर्म मानते आरहे हो गे  ????
    क्योकि हिंदी , गुजरती , मराठी या कोई भी भारतीय भासा में बात करने वाला या लिखने वाला सनातन धर्म का माना
    जाता है जो की इस देश का है। फिर आपने कभी सोचा नही की हम पुराने हिन्दू रहे होंगे इसलिए हमारी भासा हिंदी है
    सदियों से।

यहाँ तक सनातन धर्मं को बुरा भला बोलने  वाला  गुरु डॉक्टर जाकिर नायक भी हिंदी या इंग्लिश में बात करके यू टुब पै डालता है क्यों ? क्या उसने भी अरबिक को नकार दिया है इंग्लिश या हिंदी अपनाकर ??

आज भारत का  मुसलमान या तो हिंदी जनता है या इंग्लिश , पर अरबिक नही जनता और सायद उनके पूर्वज भी नही जानते थे , तो इसका मतलब है की ओ सब मुगलो के बनाये मुस्लमान है जो पैसे की लालच में मुस्लमान बन गए या फिर उन लोग है जिनको मुगलो  ने  बनाया ,मगर फिर भी ये सब सब कुछ बदल दिए जैसे कपडे ,चेहरा , पर अपनी हिंदी भासा नही बदल पाये अरेबिक ? देवनागरी भासा आपने आपना लिया पर सनातन धर्मं में क्या परहेज है .



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