ॐ भूर्भुवः॒ स्वः । तत्स॑वि॒तुर्वरे॑ण्यं॒ भर्गो॑ दे॒वस्य॑ धीमहि । धियो॒ यो नः॑ प्रचो॒दया॑त् ॥

O God, Thou art the giver of life, the remover of pain and sorrow, the best owner of happiness; O Creator of the Universe, may we receive Thy supreme sin-destroying light; may Thou guide our intellect in the right direction.
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भारत के इतिहास के 10 सबसे बड़े सांप्रदायिक दंगे
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भारत में साम्प्रदायिक हिंसा का इतिहास बहुत पुराना है. भारत में साम्प्रदायिक दंगों की शुरुआत संभवत: कज्हुहुमालाई(Kazhuhumalai) और सिवाकासी(Sivakasi) में सन 1895 और 1899 होने वाले दंगों से शुरू हुई. भारत विभाजन से पहले कोलकाता में सन 1946 में जातिगत हिंसा हुई जिसको “सीधी कार्रवाई दिवस(Direct Action Day)” से भी जाना जाता है. इसके अलावा नागपुर के दंगे (सन 1927), विभाजन के दंगे (सन 1947), रामनाद दंगे (सन 1957) और 2006 में महाराष्ट्र में घटित दलित दंगे शामिल हैं. यह है भारत में अब तक हुए सबसे त्रासदीपूर्ण जातिगत दंगों की सूची जिन्होंने भारत की एकता और सांप्रदायिक सदभाव को बुरी तरह प्रभावित किया.

1कलकत्ता के दंगे(Calcutta Riots), सन 1946
 
सन 1946 में कलकत्ता में हुए इन दंगों को “डायरेक्ट एक्शन दिवस” के नाम से भी जाना जाता है. यह दंगे भारत में हिंदू-मुस्लिम समुदाय में होने वाली हिंसा के परिणामस्वरूप हुए थे. उस समय भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था. इन दंगों में 4,000 लोगों ने अपनी जानें गंवाई थी और 10,000 से भी ज्यादा लोग घायल हुए थे.
Image Source: Wordpress

2सिख-विरोधी दंगे,1984
 
इन दंगों की शुरुआत तब हुई थी जब इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर 1984 उनके सिख अंगरक्षकों ने हत्या कर दी. इसके अगले ही दिन इन दंगों की शुरुआत हुई और यह दंगे कई दिनों तक चले जिसमें 800 से ज्यादा सिखों की हत्या की गयी. भारत की राजधानी दिल्ली और यमुना नदी के आसपास के इलाके इन दंगों से बुरी तरह से प्रभावित हुए थे.
Image Source: Thehindu

3कश्मीर दंगे, 1986
 
इन सांप्रदायिक दंगों की शुरुआत कश्मीर में ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्र अनंतनाग में 1986 में हुई थे. यह दंगे वहां के रहने वाले मुस्लिम कट्टरपंथी द्वारा हिंदुओं को कश्मीर से बाहर निकालने के लिए किए गये थे. इन दंगों में 1000 से भी ज्यादा लोगों की जानें गयी थी और कई हज़ार हिंदू बेघर हो गये थे.

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